मंगळवार, १५ नोव्हेंबर, २०११

टवाळा आवडे विनोद

  तसे पाहिले तर विनोद न आवडणारा मराठी माणूस सापडणे हि फारच विरळ गोष्ट .
विनोद व विनोदाची अंगे, निर्मिती या बाबतचा प्र.के.अत्रे यांचा शालेय जीवनातील एक धडा
अजूनही आठवला कि आत्ता बदलत्या काळानुसार माराठी विनोदही  कात टाकत असल्याचं
जाणवत.  प्र.के.अत्रे  काळातले साहित्यिक विनोद शब्दिक कोटया अगदी वरच्या श्रेणीत मोडत असत “टवाळा आवडे विनोद ” अशी समजूतही खोटी पडावी अशी सध्याची अवस्था आहे .
पुर्वी वर्तमानपत्रातील रविवार पुरवणी ,दिवाळी अंक यापुरता मर्यादित असलेला विनोद महाजालाच्या रूपाने  आपल्या समोर आला तो आपलं रूपड बदलूनच ,त्या अनुषंगाने अवघी तरुणाई राजकारण, महागाई , सामाजिक प्रश्नावर विविध विनोदी चुटकुले तयार करू लागले . हि त्याची सजगता समजायला हवी .गुरुजी -मुलगा (बंड्या), आरोपी-वकील  यातून मराठी विनोद बाहेर पडला व नवीन पात्राचा   जन्मही झाला . संता- बंता , सरदार , नवरा-बायको , चिंगी -चिंटू हि नवीन विनोदी पात्रे आली आणि मराठी विनोद अधिक बहरला हे मात्र खर.
          हे माझे केवळ संकलन आहे  त्यांच्या मुळ लेखकाना आणि  त्यांच्या विनोद बद्धीला  सारे श्रेय देऊन----
                                      मला आवडलेले काही खास विनोद तुमच्यासाठी 
बॉस :- तुला नोकरी वरून काढल्यापासून तू रोज माझ्या घरासमोर हागायला का बसतोस ?
 नोकर :- मला हे दाखवायचे कि,तुम्ही मला नोकरीवरून काढल्यामुळे मी उपाशी नाही मरत......
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जसा भारताचा राष्ट्रीय पक्षी  ?  -------- मोर  
         राष्ट्रीय प्राणी ? ------     वाघ 
         राष्ट्रीय  फुल   ? ------    गुलाब  
         राष्ट्रीय मेहमान ?   ------ कसाब 
         राष्ट्रीय पागल ? ---------- दिग्विजय 
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एक मुलगा शी करायला बसला,काही केल्याने शी काही होईना ,मुलगा वैतागला व म्हणाला
" अरे  ये की  बाहेर ,तुला  का खाऊन  टाकतोय  होय ?  "
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पेट्रोल ७१ रुपये झाल्यावर एकदा गंपू पेट्रोलपंपावर जातो..
.पंप ऑपरेटर -कितीचं टाकू साहेब ?
गंपू - "अरे १० रुपयाचं शिंपड गाडीवर, बाहेर नेऊन जाळायचीच तर आहे "
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बायको : अहो एक सांगू का? पण मारणार तर नाही ना?
नवरा : हो सांग ना. बायको : मी गरोदर आहे. नवरा : अग हि तर आनंदाची बातमी आहे मग तू एवढी घाबरतेस का?
बायको : कॉलेजला असताना हि बातमी बाबाना सांगितली होती तेव्हा त्यांनी मारलं होत.
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चिकटराव  मेंगोजूस घेऊन बसला होता... नाम्या आला आणि तो जूस पिऊन टाकला..
. चिकटराव : माझे दिवसच खराब आहे... मुलगा नापास झाला...बायको सोडून गेली......नोकरी गेली...नळाला पाणी नाही...घरात लाईट नाही... आणि आता जीव द्यावा म्हणून जूस मध्ये विष टाकले होते.......आणि तेही तू प्यायलास ..
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